रिम झिम रिम झिम बूंदो से छनकार की आवाज़ आयी
बाहर देखा मौसम ने सौगात लायी
मौसम के बहार से, मौसम के अंदाज़ से
मई महीने की तपती धुप याद आयी
मौसम कि रिम झिम ने कुछ और याद दिलाई
ये तो बिन मौसम बरसात आयी,
समय की बात है, बदलते मौसम की आस है,
धुप की तपिस से सुधरनी हालात
पर मौसम ने दिखाई अपनी हालात
छेड़ा है जब हमने मौसम को, वो वक़्त हमारा था
आज वक़्त है मौसम का, वो लेगी प्रतिकार
न जाने किस मोर पर ले जाएगी ये हालत,
छिपे बैठे हैं घर में, वक़्त अभी आया नहीं
बाहर निकलने पर वक़्त ने मारा नहीं
कौन बचेगा कौन मरेगा ये अभी जाना नहीं
इस बदलती मौसम ने हलात अभी बताया नहीं,
बहार आया तो समझो मौसम ने बुलाया है
मौसम क्या ऊपर वाले ने खड़े कराया है
कर्म थे हमारे जो मौसम ने लौटाया है
इस बलदती मौसम ने बहुत कुछ सिखाया है |
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