चाह कर चाहत से पूछा,
क्या तू ही है मेरी आरज़ू?
क्या तू है मेरी हकीकत?
क्या तू है मेरी बंदिशें?
क्या तू ही है मेरी इनायत?
क्या तू ही है मेरी ख्वाईशे?
क्या तू है मेरी ज़िन्दगी ?
चाह कर चाहत से पूछा -
क्यों ये अनगिनत ख्वाईशे है ??
चाह कर चाहत से पूछा -
क्यों ये अनगिनत आरज़ू है ??
चाह कर चाहत से पूछा -
क्यों ये मेरी इनायत है ???
चाह कर चाहत से पूछा -
क्यों ये मेरी चाहत है !!!
चाह कर चाहत से पूछा---
क्यों है ये ज़िन्दगी ???
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