Wednesday, July 31, 2013

अनजान रास्ता

अनजान रास्ते पर चलते रहीन वक़्त की ख़बर न ज़िन्दगी की ख़बर
पहले भी तनहा थी आज भी तनहा हूँ
एक चाह थी दिल की एक ख्वाइश थी दिल कीसाथ हो किसी की
क्या पता था कि न वक़्त था  हमारा  और न तो वो थे हमारे
क्या सच हैक्या  झूट है,  कौन सही हैकौन गलत न वक़्त बताता न दिल बताता
इस राह पर चलते चलतेन जाने यह कैसा मोड़ आया


अजनबी रास्तेअजनबी चाहतअजनबी पहचान बन गयी 
न जाने कब किस वास्ते किस रास्ते  वो हमारी जान बन गये,
एक अनजान दिन ,दो अनजान जज्बात मिल गए,
न जाने कब ये अनकही सी बात बन गयी,














पर  क्या  पता  था  की  न  वो  थे  हमारे  और  न  वक़्त  था  हमारा
क्या  कहूँ  क्या  बोलूं  ज़ज्बातों  को  लब्ज़ों  से   कैसे  बयाँ  करूँ 
आसमां  छूना  है  रास्ता  ढूँढ  रही  हूँ 


"माया "

इस माया की दुनिया ने , किस माया में डाला है  माया की ही क्या  मोह माया है , क्या होना है क्या करना है माया ने बताया है ,  माया के इस जाल से ...