Thursday, August 23, 2012

" उनकी झलक "



पल-पल एक झलक देखती हूँ उनकी ,
आखें खुली हो या बंद सिर्फ तस्वीर है उनकी,
दिल धरकता साँसे थम सी जाती ,
जब उनकी आहटे आती -
ये जहाँ मनो रुक सी जाता
जब उनका चेहरा नजर आता
जब वो नजर आते, तो ये नजर झुक जाते ,,
यूँ लगता मनो जहाँ में सब कुछ पा लिया हो,
आ तुझे अपने बाँहों में समेट  लूँ ,
और इस प्यार के समन्दर में ले चलूँ,
 जहाँ तेरे सारे दर्द को प्यार से मिटा दूँ ...
और तुझे सिर्फ प्यार प्यार करना सिखा दूँ ..
आ तुझे इतना प्यार दूँ ।

कभी सोचने लगती हूँ - प्यार क्या है ?
एहसास, जहन और फिर रूह पर छा जाते है- "ये अफसाने"
कोई अनजाना  अपना बन जाता है,
अनजाने शख्श से प्यार हो जाता है,
प्यार क्या होता है ये मिल कर जाना उनसे,
इसमें दर्द भी होता है ये दूर रह कर जाना उनसे,
बस बेचैनियों का ही साथ था आखरी तक,
बस ये प्यार ही बन गयी 'ज़िन्दगी' आखरी तक ।



"माया "

इस माया की दुनिया ने , किस माया में डाला है  माया की ही क्या  मोह माया है , क्या होना है क्या करना है माया ने बताया है ,  माया के इस जाल से ...