Wednesday, July 31, 2013

अनजान रास्ता

अनजान रास्ते पर चलते रहीन वक़्त की ख़बर न ज़िन्दगी की ख़बर
पहले भी तनहा थी आज भी तनहा हूँ
एक चाह थी दिल की एक ख्वाइश थी दिल कीसाथ हो किसी की
क्या पता था कि न वक़्त था  हमारा  और न तो वो थे हमारे
क्या सच हैक्या  झूट है,  कौन सही हैकौन गलत न वक़्त बताता न दिल बताता
इस राह पर चलते चलतेन जाने यह कैसा मोड़ आया


अजनबी रास्तेअजनबी चाहतअजनबी पहचान बन गयी 
न जाने कब किस वास्ते किस रास्ते  वो हमारी जान बन गये,
एक अनजान दिन ,दो अनजान जज्बात मिल गए,
न जाने कब ये अनकही सी बात बन गयी,














पर  क्या  पता  था  की  न  वो  थे  हमारे  और  न  वक़्त  था  हमारा
क्या  कहूँ  क्या  बोलूं  ज़ज्बातों  को  लब्ज़ों  से   कैसे  बयाँ  करूँ 
आसमां  छूना  है  रास्ता  ढूँढ  रही  हूँ 


Thursday, May 2, 2013

धूप और छाँव

 
 
धूप की इस तपिस में, छाँव की तलाश में थे हम
यह पता न था, कोई मंजिल मिल पायेगी या नहीं
गर्मियों का मौसम है और मई महीने का दूसरा दिन
सूरज की तीखी तेज़ में झुलस रहे थे हम
 
तलाश थी ऐसी जगह की जहाँ बैठ कर कुछ खा सके हम
तलाश तो पूरी हुई लेकिन प्यास न हुई कम
निकले थे लंच पर लग रहा था हूँ काम पर
प्रकृति की गोद में, पेड़ की छाँव में, चार दोस्त थे हम
 
गप्पे मारना, मजाक करना, फोटो खीचना मस्ती में थे हम
जब्कि पिकनिक पर नहीं, असाइनमेंट पर थे हम
बिताना था पूरा एक घंटा, धूप में थे हम
धूप की इस तपिस में गुम थे हम
 
प्रकृति की छाँव में प्यास न हुई थी कम
पूरा एक घंटा न बीता पाए हम
धूप की इस तपिस में जल रहे थे हम
 एक नयी सोच के साथ वापस हुए हम.

Thursday, April 25, 2013

वक़्त का चक्र

वक़्त के इस चक्र पर ख्वाबो का बसेरा है,
रौशनी की इस तेज मे अंधेरो का साया है,
अँधेरे के इस साये में धुंधलाता सा एक ख्वाब है,
शबनम की इस बूदों में सिर्फ उसकी ही याद है.



वक़्त के इस चक्र पर अजनबी सा एहसास है,
अजनबी एहसास में न जाने कैसा प्यास है,
प्यासी इस दुनिया में मिटता सा ख्वाब है,
वक़्त के इस चक्र पर बस रिश्तो की आस है,



रिश्तो के इस जाल में बिकता सिर्फ एहसास है,
बिकते इस एहसास में जलता सिर्फ इन्सान है,
जलते इस इन्सान में मिटता सिर्फ वो ख्वाब है,
वक़्त से इस चक्र पर मिटता सिर्फ इन्सान है.
 

Tuesday, February 19, 2013

बदलती ज़िन्दगी

वक़्त बदलता , ज़िन्दगी बदलती
बदलती ज़िन्दगी के साथ किस्मत बदलती
वक़्त ने भरोसा दिलाया इस किस्मत पर
किस्मत ने भरोसा दिलाया इस ज़िन्दगी पर
ज़िन्दगी ने भरोसा दिलाया उस अनजाने पर

 
ज़िन्दगी के इस मोर पर खुशियों की सौगात मिली
वक़्त ने कहा ले अनजाने की तुझे किस्मत मिली
वक़्त झरनों सा बहता , जा रहा है कहता हुआ
दिल के गहराइयों में एक अंजना डूबा मिलेगा
दिल के इन् वादियो में चाहत का मौसम है
एक अनसुनी अनजानी जैसी कहानी है
 
इस बदलती ज़िन्दगी में
कोई अंजना अपना हुआ तो कोई अपना अंजना हुआ
बदलती बुझती ज़िन्दगी में जीने की यह चाह मिली
यूँ कहो की अब मुझे मेरी ज़िन्दगी मिली ...
 

"माया "

इस माया की दुनिया ने , किस माया में डाला है  माया की ही क्या  मोह माया है , क्या होना है क्या करना है माया ने बताया है ,  माया के इस जाल से ...