Monday, October 15, 2012

"पल--पल के अफ़साने"


पल में जीते, पल में मरते,
पल जो कल था, पल जो यह है आज,
पल यह जो आने वाला है, हर लम्हा इस पल के लिए जीते ,
वो पल जो खुशियाँ की  होते ,
वो पल जो दर्द के होते ,
वो पल जो बिखरे अफ्सानो की तरह होती ,
हम हर पल जीते , हर पल मरते -
पल भर में बदल जाती है जिन्दगी , 
एक पल जो जिन्दगी  जीना सिखा देती , दुसरे पल मौत के सामने ले आती ,।
पल यह पल उस पल को कैसे सम्भालूँ जिस पल ने रिश्ते  बिखेरे,
उस पल में कैसे जीयूं जिस पल ने रिश्ते दिए ।
हर पल बदलता है हमारी जिन्दगी, 
हम इस पल को नहीं बदल सकते,
 हर पल बदल रहे हैं रूप जिन्दगी  के,
पल भर में छाओं तो दुसरे पल धुप ।
इस अनचाहे ,  अनसमझे...." पल " को अपना कैसे बनाऊं
पल तो पलक झपकते आता और बीत जाता ,
पल - पल के इस खेल में पल से  न जाने कितने लोग हारे  !
जलती - बुझती इस पल में ,
इस पल भर की जिंदगी में ,
हर पल जीने को चाहता ,
पल, यह-पल, उस-पल , वो -पल , हर -पल जीने को चाहता !
हर पल को बदलने को दिल चाहता । 

Thursday, August 23, 2012

" उनकी झलक "



पल-पल एक झलक देखती हूँ उनकी ,
आखें खुली हो या बंद सिर्फ तस्वीर है उनकी,
दिल धरकता साँसे थम सी जाती ,
जब उनकी आहटे आती -
ये जहाँ मनो रुक सी जाता
जब उनका चेहरा नजर आता
जब वो नजर आते, तो ये नजर झुक जाते ,,
यूँ लगता मनो जहाँ में सब कुछ पा लिया हो,
आ तुझे अपने बाँहों में समेट  लूँ ,
और इस प्यार के समन्दर में ले चलूँ,
 जहाँ तेरे सारे दर्द को प्यार से मिटा दूँ ...
और तुझे सिर्फ प्यार प्यार करना सिखा दूँ ..
आ तुझे इतना प्यार दूँ ।

कभी सोचने लगती हूँ - प्यार क्या है ?
एहसास, जहन और फिर रूह पर छा जाते है- "ये अफसाने"
कोई अनजाना  अपना बन जाता है,
अनजाने शख्श से प्यार हो जाता है,
प्यार क्या होता है ये मिल कर जाना उनसे,
इसमें दर्द भी होता है ये दूर रह कर जाना उनसे,
बस बेचैनियों का ही साथ था आखरी तक,
बस ये प्यार ही बन गयी 'ज़िन्दगी' आखरी तक ।



Monday, May 7, 2012

क्या कहूँ..

 सच्चाई:
क्या सच कहूँ क्या झूट कहूँ,
दिल की बात कहूँ या सपनो की बात कहूँ,
सपनो की बात कहूँ तो जिंदगी पूछ  पड़ती है,
क्या यह वफ़ा है जो आखों से छलकते है,
इन् अश्को को कैसे  समेटूं,
कहीं ये सागर न बन जाये,
अगर सागर बन गए,
तो उन् लहरों को कैसे रुकूँ,
जो खुशयां चुराते जा रहे,
 क्या ये जिंदगी है -
तो मौत क्या है,
प्यार ईक ख्वाब था,
तो सच्चाई क्या थी,
जिंदगी यह है तो मौत क्या थी.

प्यार की गहरायी:

दिल को खोलूँ अगर तो, प्यार का सागर मिलेगा,
इनकी गहराईयों  में एक शक्श डूबा मिलेगा.
प्यार के इस सागर में खो जाने को दिल चाहता है,
इस सागर की गहराईयों  में डूब जाने का दिल चाहता है,
दो नहीं एक हो जाने को दिल चाहता है,

' लम्हा '





इतने लम्बे इंतजार के बाद पल भर के लिए खुशयां आई,
पलक झपकते पल बीता और फिर किस्मत ने मेरी हंसी उडाई,
किस्मत की बात करू तो किस्मत हँस पड़ती है ,
हंसने की बात करू तो आखें छलक पड़ती है,

बीतें लम्हों में जिंदगी बीतते है.
कितनी पुरानी जिंदगी में हर पल नया पाते है,
ख्यालो में जिंदगी को सिर्फ पाते है,
इस तलाश में ना जाने कितने पल गवातें है ,
यादों में संजो कर रखा है अपनी खुशयों को ,
आने वाले वक़्त में. खुशयां पाना ही भूल जाते है|

जिन्दगी की इस सच्चाई को जाने बिना
न जाने क्यों अनजाने में खुद को
खुद ही दर्द दिए जाते है.
बीते लमही में जिन्दगी बीताते है.
कितनी पुरानी जिन्दगी में हर पल नया पाते है |

"माया "

इस माया की दुनिया ने , किस माया में डाला है  माया की ही क्या  मोह माया है , क्या होना है क्या करना है माया ने बताया है ,  माया के इस जाल से ...