Monday, April 27, 2020

​अभी और जीना है...



वक़्त बदलता जा रहा , कुछ कहता जा रहा 
लेहरो की तरह समुन्द्र में खो जाने का जी चाह रहा 
खुद के सपनो में खुद को भूल जाने का जी चाह  रहा 
कुछ पुरानी यादों में खुद को खो जाने का जी चाह रहा 
जिंदगी के समंदर में डूब जाने का जी चाह रहा 
लेकिन अभी और जीना है , अभी और जीना है 

ज़िन्दगी की इस मोड़ पर और क़र्ज़ चुकाने की बारी हैं 
कुछ चाहने की बारी है , कुछ करने की बारी है 
कुछ तो ज़िन्दगी ने दिया है कुछ ज़िन्दगी को दिया हैं 
कुछ सोचने की बारी हैं कुछ करने की बारी हैं 
कुछ देने का मौका है कुछ लेने का मौका है 
लेकिन अभी और जीना बाकी है, भी अभी और जीना है  

प्यास अभी बुझी नहीं , दर्द ख़त्म हुई नहीं 
मन अभी डूबा नहीं, मन अभी भरा नहीं 
कर्म अभी किया नहीं , दर्द अभी हुआ नहीं 
कुछ अभी मिला नहीं , कुछ अभी किया नहीं 
ज़िन्दगी ने हाथ छोड़ा नहीं, ज़िन्दगी ने अभी तोड़ा नहीं 
अभी ज़िन्दगी बाकी है , अभी और जीना है 

हर बूँद की तरह, हर आस की तरह 
हर ख्वाइश की तरह , हर ख़ुशी की तरह 
ख़ुशी की तलाश में , ख़ुशी की चाह में 
दूसरो की मुस्कान में , दूसरो की आस में 
ज़िनदगी जीने की राह में, ज़िन्दगी की तलाश में 
अभी और जीना है , अभी और जीना है 

वक़्त की लहर से, ज़िन्दगी की दौर में 
अपने प्यार से , दूसरो की मुस्कान से 
अपनों की आस से , अपनों के प्यार से 
जीने की चाह से , ज़िन्दगी की रह में 
ज़िन्दगी की मोर में, अपनों के मोह में  
जीने की आस है, जीने की चाह है 
अभी और जीना  है, अभी और जीना है

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