अनजान रास्ते पर चलते रही, न वक़्त की ख़बर न ज़िन्दगी की ख़बर
पहले भी तनहा थी आज भी तनहा हूँ
एक चाह थी दिल की एक ख्वाइश थी दिल की, साथ हो किसी की
क्या पता था कि न वक़्त था हमारा और न तो वो थे हमारे
क्या सच है, क्या झूट है, कौन सही है, कौन गलत न वक़्त बताता न दिल बताता
इस राह पर चलते चलते, न जाने यह कैसा मोड़ आया
पहले भी तनहा थी आज भी तनहा हूँ
एक चाह थी दिल की एक ख्वाइश थी दिल की, साथ हो किसी की
क्या पता था कि न वक़्त था हमारा और न तो वो थे हमारे
क्या सच है, क्या झूट है, कौन सही है, कौन गलत न वक़्त बताता न दिल बताता
इस राह पर चलते चलते, न जाने यह कैसा मोड़ आया
अजनबी रास्ते, अजनबी चाहत, अजनबी पहचान बन गयी
न
जाने कब किस वास्ते किस रास्ते वो हमारी जान बन गये,
एक अनजान दिन ,दो अनजान जज्बात मिल गए,
एक अनजान दिन ,दो अनजान जज्बात मिल गए,
न
जाने कब ये अनकही सी बात बन गयी,
पर क्या पता था की न वो थे हमारे और न वक़्त था हमारा
क्या कहूँ क्या बोलूं ज़ज्बातों को लब्ज़ों से कैसे बयाँ करूँ
आसमां छूना है रास्ता ढूँढ रही हूँ